Home CRIME NEWS गाजियाबाद: अजरबैजान भेजने के नाम पर 25 लोगों को ठगा

गाजियाबाद: अजरबैजान भेजने के नाम पर 25 लोगों को ठगा

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गाजियाबाद की कंपनी ने थमाए फर्जी वीजा-टिकट


गाजियाबाद। पूर्वांचल के कई जनपदों के करीब 25 लोगों को नौकरी के लिए अजरबैजान भेजने के नाम पर ठगने का मामला सामने आया है। गाजियाबाद की फ्रॉड कंपनी ने इनसे 75-75 हजार रुपए जमा करा लिए और फर्जी एयर टिकट व वीजा थमा दिया। जब ये लोग अजरबैजान की फ्लाइट में बैठने दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर पहुंचे तो पता चला कि टिकट-वीजा फर्जी हैं। वापस लौटकर गाजियाबाद आए तो पैसा ऐंठने वाली कंपनी का दफ्तर बंद मिला। पीड़ित लोगों ने सोमवार को गाजियाबाद पुलिस में शिकायत की है।

पीड़ितों में हरिओम सिंह देवरिया, उदय वर्मा महाराजगंज, शिशिर प्रकाश पांडेय देवरिया, कुंडाल महेशिया देवरिया, राजकुमार दुबे कुशीनगर, सौरभ पांडेय देवरिया, अभिमन्यु चौधरी महाराजगंज आदि शामिल हैं। इन युवकों ने बताया, गाजियाबाद के अभयखंड में लक्ष्मी मैनेजमेंट एजेंसी का आॅफिस है।

इस कंपनी ने कुछ दिनों पहले फोन पर बातचीत में बताया था कि अजरबैजान में एक कंपनी में कुछ वैकेंसी हैं। वहां नौकरी लगवाने के नाम पर इस कंपनी के जालसाजों ने पूर्वांचल के कुछ युवकों को फोन पर झांसे में लेना शुरू कर दिया। इसके बाद वे अजरबैजान जाने के लिए सहमत हो गए। शुरूआत में इन सभी को गाजियाबाद बुलाकर मेडिकल प्रक्रिया कराई और 3500-3500 रुपए वसूले गए। इसके बाद एयर टिकट और वीजा के नाम पर प्रत्येक से 75-75 हजार रुपए वसूले गए।

कंपनी का दफ्तर बंद, प्रतिनिधियों का फोन भी आॅफ

पीड़ितों ने बताया, गाजियाबाद की कंपनी ने जो एयर टिकट और वीजा दिए थे, उन्हें लेकर वे दिल्ली आईजीआई एयरपोर्ट पर पहुंचे। यहां सीआईएसएफ की जांच में पता चला कि टिकट का क्यूआर कोड गलत है। अधिक जांच पड़ताल में टिकट और वीजा दोनों ही फर्जी पाए गए। विदेश जाने के लिए बैग पैक करके गए करीब 25 लोग मायूस होकर गाजियाबाद आए। यहां वे जब लक्ष्मी मैनेजमेंट एजेंसी के आॅफिस पर पहुंचे तो ताला लटका मिला। जिस व्यक्ति ने टिकट-वीजा दिए थे, उसका मोबाइल नंबर भी स्विच आॅफ जाता रहा। जिसके बाद इन सभी लोगों को ठगी का अहसास हुआ।

लक्ष्मी मैनेजमेंट एजेंसी के अजय, नीतू और आशुतोष पर करीब 25 लाख रुपए ठगने का आरोप है। पीड़ितों ने थाना इंदिरापुरम पहुंचकर इन तीनों के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत की है। पीड़ितों ने कुछ बैंक खाते भी उपलब्ध कराए हैं, जिनमें उन्होंने पैसा ट्रांसफर किया था। डीसीपी निमिष पाटिल ने बताया, इस प्रकरण की गहनता से जांच कराई जा रही है।

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