मेरठ। आज विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर मनोविज्ञान विभाग और साहित्यिक-सांस्कृतिक परिषद, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के संयुक्त तत्वाधान में इम्पारटेंस आफ मेंटल हेल्थ: प्रॉब्लम्स एन्ड साल्यूशंस विषय पर एक दिवसीय गोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में के रूप में गुरूकुल विश्वविद्यालय हरिद्वार से प्रो. राकेश जैन रहे जिन्होंने अपने वक्तव्य में बताया कि आज हमारे देश में लगभग 15 करोड लोग मानसिक समस्याओं से जूझ रहे हैं यद्यपि यह संख्या बहुत बड़ी नहीं है परंतु मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए जो मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े हुए प्रोफेशनल्स हैं उनकी संख्या हमारे देश में अत्यधिक कम है उनके अनुसार लगभग 5 से 10000 मनोवैज्ञानिक एवं काउंसलर ही आज देश में अपनी सेवाएं दे रहे हैं जो कि लगभग 140 करोड़ जनसंख्या के लिए बहुत कम है और इसके लिए सामान्य जनता को जागरूक होने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चलाए जाने से लोगों के दिमाग में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति बात करने से डर कम होता है एवं इसके बारे में वे अन्य बीमारियों की तरह खुलकर बात कर सकते हैं।
साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद की संयोजिका प्रोफेसर नीलू गुप्ता ने कहा कि आजकल इस विषय पर बात करनी अत्यंत आवश्यक है और मनोविज्ञान विभाग की इस प्रकार की पहल से सभी छात्राओं एवं शिक्षकों को फायदा होगा एवं साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद की संयोजन में हम भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रम करते रहेंगे।
विभागाध्यक्ष प्रो. संजय कुमार ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित जागरूकता अभियान चलाने की सामाजिक व नैतिक जिम्मेदारी मनोविज्ञान विषय से संबंधित छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों की है। यदि हमारे विद्यार्थी व शिक्षक सामान्य रूप से अपने आसपास तनाव ग्रसित लोगों को बतायें कि वे तनाव वाली स्थितियों में खुद को कैसे शांत रखें और आवश्यकतानुसार उनको किसी बेहतर मनोवैज्ञानिक से मिलकर अपनी समस्या सुलझाने के लिए प्रेरित करें तो उनके इस प्रयास से ही लोगों में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलेगी। कार्यक्रम का संचालन एमए की छात्रा संजना देशवाल ने किया एवं कार्यक्रम में मनोविज्ञान विभाग व विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।