शारदा रिपोर्टर मेरठ। बीते दिनों दादरी गांव में हुई गुर्जर महापंचायत के बाद दर्जनों लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया था। इस प्रकरण के बाद भाजपा नेता और सहयोगी दलों के नेता लगातार जेल पहुंचकर गुर्जर समाज के लोगों से मुलाकात कर रहे थे और साफ तौर पर कहा जा रहा था कि, जो युवक निर्दोष है। इन्हे जल्द ही रिहा कराया जाएगा और हुआ भी यही। आखिरकार शुक्रवार देर शाम जेल में बंद कुल ग्यारह लोगों को रिहा कर दिया गया। जबकि, अन्य लोगों की रिहाई शनिवार को होना बताया जा रहा है।
दरअसल, बीते दिनों दादरी में गुर्जर समाज ने एक पंचायत की थी। इस पंचायत के बाद लाठीचार्ज पथराव हो गया था। जिसको देखते हुए पुलिस की तरफ़ से मुक़दमा दर्ज कर 22 लोगों को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया था। वहीं जेल जाने के बाद गुर्जर समाज में आक्रोश फैल गया था और प्रदेश हसरकार के राज्य मंत्री सोमेन्द्र तोमर ,नगीना सांसद चंद्रशेखर आज़ाद, बिजनौर सांसद चंदन सिंह चौहान, सपा विधायक अतुल प्रधान समेत अलग-अलग राजनीतिक दलों के लोग जेल में बंद गुर्जर समाज के लोगों से मिलने पहुँच रहे थे।
वहीं, आखिरकार शुक्रवार को अदालत ने सभी 22 लोगों को ज़मानत दे दी। लेकिन ज़मानती कागज़ केवल ग्यारह लोगों के ही भरे गए जिसके चलते शुक्रवार रात्रि को ग्यारह लोगों को छोड़ दिया गया। जेल से बाहर आने वाले अभिनव गुर्जर, नीरज और आशीष ने बताया कि, उनको ज़बरन पुलिस के द्वारा गिरफ़्तार किया गया था। वो सामान्य तरीक़े से अपनी बात रख रहे थे। लेकिन, पुलिस ने जाति पूंछकर उन्हें गिरफ़्तार किया था।
वहीं, इस दौरान पुलिस की तरफ़ से सुरक्षा का चाक-चौबंद पैहरा रहा। पुलिस द्वारा बाहरी लोगों को बैरिकेडिंग लगाकर बाहर ही रोक दिया गया था। केवल परिजनों को ही जेल के मुख्य द्वार तक जाने दिया गया। इन। सभी लोगों के बाहर आने के बाद लोगों ने नारेबाज़ी भी की और समर्थकों ने फूल माला पहनाकर जेल से बाहर आए सभी लोगों का स्वागत किया।
बता दें कि, गुरुवार को आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद चंद्र शेखर आज़ाद मेरठ जेल पहुंचे और जेल में बंद युवकों को रिहा नहीं करने पर पूरे प्रदेश भर में बड़ा आंदोलन करने की बात कही। लेकिन अदालत ने उन्हें एक दिन बाद ही ज़मानत दे दी।